वैसे तो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है दशहरा पूरे भारत में मनाया जाता है। लेकिन कुछ ऐसी जगहें हैं जहां पर इसे अनूठे अंदाज में मनाया जाता है। यहां की रौनक देखते बनती है।
कोलकाता में दशहरा को दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है। देवी की अद्भूत और भव्य मूर्तियों से शहर भर जाता है। ऐसा लगता है कि देवी खुद पंडालों में विराजमान हो गई है।
मैसूर अपने भव्य दशहरा के लिए प्रसिद्ध है। मैसूर पैलेस हजारों रोशनी से जगमगाता है और शाही परिवार का एक भव्य जुलूस निकलता है। म्यूजिक-डांस और आतिशबाजी से यह शहर स्वर्ग बन जाता है।
भारत के सबसे पवित्र शहरों में से एक वाराणसी में दशहरा धार्मिक उत्साह के साथ मनाया जाता है। गंगा नदी के तट पर स्थित रामनगर किला एक भव्य राम लीला प्रदर्शन का आयोजन किया जाता है।
दिल्ली में दशहरा धूमधाम से मनाया जाता है। रामलीला मैदान पर भव्य रामलीला का आयोजन किया जाता है। बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में रावण का पुतला जलाया जाता है।
अहमदाबाद में पूरे नवरात्रि में रात गुलजार रहती है। गरबा, डांडिया का आयोजन किया जाता है। रंग-बिरंगे परिधान में लोग इसमें शामिल होते हैं।
कोटा दशहरा एक भव्य जुलूस के साथ मनाया जाता है जिसमें सुंदर रूप से सजी हुई मूर्तियां, हाथी और ऊंट शामिल होते हैं। इस अवसर पर ऐतिहासिक स्मारकों और मंदिरों को भी रोशन किया गया है।
कुल्लू दशहरा उत्सव अपने रंगारंग जुलूसों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए प्रसिद्ध है। यहां के मंदिरों में देवताओं के जुलूस निकाली जाती है। दशहरा में यहां की रौनक देखते ही बनती है।