स्पेस में पहुंच कर एस्ट्रोनॉट एक खास सूट पहने रहते हैं। इसे स्पेस सूट कहते हैं और यग आमतौर पर सफेद रंग का होता है। ये कम दबाव, ठंड और विकिरण से बचाने के लिए दिया जाता है।
यह सूट अंतरिक्ष में यात्रियों को जिंदा रहने के लिए ऑक्सीजन भी उपलब्ध करता है। कुल मिलाकर स्पेस में जीवित रहने के लिए एक यही सहारा होता है।
अगर कोई इंसान बिना स्पेससूट के अंतरिक्ष में जायेगा तो तुरंत ही उसकी मौत हो जायेगी। बॉडी का खून और पानी उबलने लगेगा। बॉडी में इंटरनल ब्लीडिंग से अंततः मौत हो जाएगी।
स्पेस सूट बनाने में काफी मोटी लागत आती है। नासा ने एक बार 1974 में बताया था कि एक स्पेससूट को बनाने की लागत उस दौरान 15 से 22 मिलियन डॉलर के बीच आती थी।
अगर आज के समय में इस लागत की बात करें तो वो करीब 83-122 मिलियन डॉलर होगी। बताया जाता है कि आज एक स्पेस सूट की कीमत 100 करोड़ रुपए है।
स्पेस सूट अपने आप में ही एक छोटी स्पेस शिप का काम करता है। स्पेस सूट के अंदर कंप्यूटर, एयर कंडीशनिंग, ऑक्सीजन, पीने के पानी और एक इनबिल्ट टॉयलेट की व्यवस्था भी होती है।