हम सबके मन में यह सवाल होता है कि दुनिया की लाइफ कितनी है। कब तक पृथ्वी पर इंसानी जिंदगी बचेगी। इस सवाल का जवाब जब चैट जीपीटी से पूछा तो उसका जवाब काफी सही था।
चैट जीपीटी एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बॉट है।इसका फुल फॉर्म चैट जेनरेटिव प्रिंटेड ट्रांसफार्मर है जो कि गूगल की तरह ही एक सर्च इंजन है।
चैट जीपीटी ने कहा कि दुनिया के विनाश की कोई तारीख या वक्त नहीं तय किया जा सकता है। सितंबर 2021 में दुनिया के अंत की भविष्यवाणी की गई थी। जबकि ऐसा नहीं हुआ।
चैट जीपीटी ने आगे कहा कि दुनिया के अंत के बारे में भविष्यवाणी विशुद्ध रूप से अटकलें हैं। यह अक्सर धार्मिक, वैज्ञानिक या काल्पनिक मान्यताओं पर आधारित होती है।
सुनामी, भूकंप या फिर नेचर में बदलाव इस दुनिया के अंत की वजह बन सकती है। हालांकि इसकी कोई भी तारीख वक्त तय नहीं किया जा सकता है।
हमारे ग्रह के लिए संभावित खतरा है वो प्राकृतिक आपादाएं या मानव प्रेरित संकट हैं। जिस तरह मानव दुनिया को खतरे में डाल रहा है वो इसके अंत की शुरुआत कर रहा है।
चैट जीपीटी ने कहा कि दुनिया के संभावित विनाश पर ध्यान देने की बजाय हमारी धरती सुरक्षित रहें इसे लेकर सकारात्मक कामों पर ध्यान देना जरूरी है
धरती को बचाने का एकमात्र तरीका है पर्यावरण की रक्षा करना। पेड़-पौधे नदी को संरक्षित करें। खतरनाक हथियारों का प्रयोग बंद कर दें।