हिंदू धर्म में पीरियड्स के दौरान महिलाओं को पूजा-पाठ से मना किया गया है। उनका मंदिर जाना भी वर्जित है।
ऐसा कहा जाता है कि पीरियड्स के दौरान महिलाएं कमजोर होती हैं। अगर वो घर से बाहर निकलती हैं तो बीमारी हो सकती है। इसलिए उन्हें घर के अंदर ही रहने के लिए कहा जाता है।
हिंदू धर्म के अनुसार पीरियड्स के दौरान कोई औरत तुलसी में पानी डालती है तो पौधा सूख जाता है। क्योंकि इस समय महिलाओं के शरीर में ऊर्जा का संचार अधिक होता है
महिलाओं को पीरियड्स के पांचवें दिन बाल धोने के बाद मंदिर जाने या पूजा पाठ में शामिल होने के लिए कहा जाता है।
अगर व्रत के दौरान पीरियड्स आ जाए तो व्रत को अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए। बल्कि फलहार करते हुए पूजा किसी और से करा लेनी चाहिए। इससे इसका फल आपको ही मिलेगा।
विज्ञान की मानें तो पीरियड्स के दौरान मंदिर जाना किसी का निजी निर्णय होना चाहिए। पहले महिलाओं के पास सुविधा नहीं थी तो दाग कपड़ों पर लग जाते थे। इसलिए घर में रहने के बोला जाता था।
पीरियड्स के दौरान हाइजीन का ख्याल पहले महिलाएं नहीं रख पाती थी। लेकिन अब महिलाओं के पास कई तरह के ऑप्शन आ गए हैं जिससे वो अपनी ब्लीडिंग से निपट सकती हैं।