चाणक्य कहते हैं कि मूर्ख को सलाह देना, दुष्चरित्र स्त्री की देखभाल करना और आलसी व दुखी व्यक्ति के साथ समय बिताना मूर्खता है। सही संगति और समझदारी से ही जीवन सुखद बनता है।
चाणक्य बताते हैं कि एक आदर्श पत्नी वह है जो सुबह पति की देखभाल मां की तरह करे, दिन में बहन की तरह स्नेह दे और रात को प्रेमिका की तरह प्रसन्नता प्रदान करे।
चाणक्य कहते हैं कि मूर्ख को सलाह देना, दुष्चरित्र स्त्री की देखभाल करना और आलसी व दुखी व्यक्ति के साथ समय बिताना मूर्खता है। सही संगति और समझदारी से ही जीवन सुखद बनता है।
जो व्यक्ति हमारे दिल में रहता है, वह चाहे कितनी भी दूर हो, निकट महसूस होता है। लेकिन जो दिल से दूर हो, वह पास होते हुए भी अजनबी लगता है। सच्चे रिश्ते भावनाओं से जुड़ते हैं।
कौशल छिपा हुआ खजाना है। कठिन समय और अनजान भूमि में यही आपके लिए माता की तरह सुरक्षा प्रदान करता है। इसलिए अपने कौशल को हमेशा निखारते रहना चाहिए।
चाणक्य कहते हैं कि बिना शिक्षा के मनुष्य का जीवन उसी तरह व्यर्थ है जैसे कुत्ते की पूंछ जो न तो शरीर को ढकती है और न ही मच्छरों से बचाती है। शिक्षा ही जीवन को सही दिशा देती है।
एक बुरी पत्नी, धोखेबाज मित्र, अशिष्ट सेवक और जिस घर में सांप हो, वहां रहना मृत्यु के समान खतरनाक है। जीवन में शांति के लिए सही साथ और वातावरण जरूरी है।
चाणक्य बताते हैं कि धन, मित्र, पत्नी और राज्य खोकर भी वापस पाए जा सकते हैं, लेकिन शरीर के नष्ट होने पर उसे पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता। इसलिए शरीर की रक्षा सबसे पहले करें।