9 अगस्त की रात एक घर की खुशियां उजड़ गई। मां-बाप की लाडली बेटी एक हैवान की हैवानियत के भेंट चढ़ गई। कोलकाता के आरजी कर कॉलेज में हुए रेप और हत्या से पूरा देश हिल गया।
बीबीसी ने पीड़िता की फैमिली से बातचीत की। जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी बेटी काफी होनहार थी और फैमिली का पूरा ख्याल रखती थी। अपने लिए कभी कुछ नहीं मांगती थी।
बेटी की जुदाई सह रही मां ने बताया कि घटना वाले दिन रात के 11 बजे बेटी से बात हुई थी। मुझे नहीं पता था कि ये उसका आखिरी कॉल होगा।
जूनियर डॉक्टर ने अपनी मां से कहा कि प्लीज ध्यान रखना कि पापा दवा समय पर लें। मेरी चिंता मत करना। डॉक्टर को नहीं पता था कि वो अनजाने में ही अपनी फैमिली को अलविदा कह रही है।
जूनियर डॉक्टर के पिता बीपी के मरीज थे, बेटी यह हमेशा सुनिश्चित करती थी कि वो वक्त पर दवा लें। दर्द में डूबे पिता एक घटना को याद करते हुए बताते हैं।
एक बार दवा खत्म होने के बाद मैंने सोचा कि अगले दिन खरीद लूंगा। लेकिन जब बेटी को पता चला तो उसने रात के 10-11 बजे दवा लेकर आई। उससे पहले किसी को खाने नहीं दिया।
31 साल की डॉक्टर भले ही इस दुनिया में नहीं है। लेकिन उसकी बातों को याद करके माता-पिता के आंसू निकल आते हैं। बेटी की शादी तय हो गई थी।
माता-पिता के सदमे का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि उन्होंने बेटी का कमरा 10 अगस्त के बाद से नहीं खोला है। 11 दिनों से बेटी कमरा बंद है।
बता दें कि 36 घंटे की ड्यूटी करने के बाद डॉक्टर सेमिनार हॉल में आराम करने गई थी। जहां हैवान संजय रॉय की नजर में आ गई और उसने हैवानित की सारी हदें पार कर दी।