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Live In Relationship कैसे समाज के लिए हैं डेंजर, 6 प्वांट में समझें

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फैमिली बंधन कमजोर पड़ जाते हैं

लिव इन रिलेशनशिप से ट्रेडिशनल फैमिली स्टक्चर कमजोर हो सकता है। फैमिली के बीच रिश्तों की गरिमा और इमोशन का जुड़ाव कम हो सकता है। क्योंकि इसमें कोई सामाजिक बंधन नहीं होता है।

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समाज की नैतिकता पर असर

लिव इन में रहने वाले लड़का और लड़की सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को चुनौती देते हैं। शादी के बंधन से इतर वो साथ रहने को महत्व देते हैं।  इससे युवाओं पर गलत असर पड़ता है।

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बच्चों का भविष्य असुरक्षित

अगर लिव-इन कपल्स के बच्चे होते हैं और उनका रिश्ता टूट जाता है, तो बच्चों को माता-पिता की देखभाल और सुरक्षा का अनुभव नहीं हो पाता।इतना ही नहीं उन्हें कानून रूप से भी दिक्कत होती है।

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जिम्मेदारी की कमी

लिव-इन रिलेशनशिप में शादी जैसी जिम्मेदारी का भाव नहीं होता। इससे रिश्ते में गंभीरता और स्थायित्व कम हो सकता है। मन नहीं मिलता है और झगड़े बढ़ते हैं

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कानूनी और सुरक्षा की समस्याएं

लिव-इन रिश्तों में शादी जैसी कानूनी सुरक्षा नहीं होती। पार्टनर के बीच कोई विवाद होने पर स्थिति और भी मुश्किल हो सकती है। कानून की तरफ से उन्हें कोई सुरक्षा नहीं मिलती।

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रिश्ते में स्थिरता की कमी

लिव-इन में लोग आसानी से रिश्ता तोड़ सकते हैं, जिससे तनाव और असुरक्षा की भावना बढ़ सकती है। कई बार लोग सुसाइड जैसे कदम भी उठा लेते हैं।

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