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बोर्डिंग गेट हमेशा लेफ्ट साइड ही क्यों होता है? एयरलाइंस का छुपा राज

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राइट साइड में ग्राउंड ऑपरेशंस

  • विमान के दाएं साइड में ज्यादातर कार्गो लोडिंग, फ्यूलिंग, और केटरिंग सर्विस की गतिविधियां होती हैं।
  • इसलिए यात्रियों की सुरक्षा के लिए उन्हें बाएं तरफ से ही चढ़ाया जाता है।
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एयरब्रिज और सीढ़ी डिजाइन में यूनिफॉर्मिटी

  • एयरपोर्ट्स पर लगे सीढ़ियां बाई ओर होती हैं।
  • इससे सभी विमानों के लिए एक जैसी संरचना और व्यवस्था बनी रहती है, जिससे टर्मिनल डिज़ाइन, स्टाफ ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक्स आसान हो जाते हैं।
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पायलट की सीट हमेशा बाई तरफ होती है

  • पायलट विमान के लेफ्ट साइड में बैठता है, जिससे उसे एयरब्रिज से हो रही गतिविधियां साफ दिखती हैं।
  • ये टेकऑफ या ग्राउंड मूवमेंट के समय सेफ्टी और कोऑर्डिनेशन के लिए बहुत जरूरी होती है।
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समय और सुरक्षा की बचत

  • अगर बोर्डिंग और सर्विसिंग दोनों साइड से होती, तो अधिक समय, अतिरिक्त स्टाफ और कॉन्फ्यूजन बढ़ता।
  • लेफ्ट साइड से यात्रियों की आवाजाही रखने से ऑपरेशंस स्मूद और सुरक्षित होते हैं।
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समुद्री परंपराओं से मिली प्रेरणा

  • हवाई यात्रा की कई परंपराएं शिप्स से आई हैं। समुद्री जहाज़ों में भी पैसेंजर्स लेफ्ट साइड (port side) से चढ़ते थे।
  • यही "port side boarding" की परंपरा आज विमानन में भी अपनाई गई है।
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