बाबर के सेनापति मीर बाकी ने 1528-29 में राम मंदिर को तुड़वाकर वहां मस्जिद तामीर की।
ब्रिटिश सर्वेयर फ्रांसिस बुकानन ने 1813-14 में अपनी रिपोर्ट में कहा- अयोध्या में मस्जिद की दीवार पर शिलालेख मिला है, जिसमें इसे बाबरी मस्जिद कहा गया।
1885 में महंत रघुबर दास ने फैजाबाद कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया। हालांकि, उनकी याचिका खारिज हो गई लेकिन यहां से मंदिर की कानूनी लड़ाई का रास्ता साफ हो गया।
आजाद भारत में अयोध्या मामले का पहला केस 16 जनवरी, 1950 को हिंदू महासभा के वकील गोपाल सिंह विशारद ने फैजाबाद डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में फाइल किया।
राम मंदिर आंदोलन को खड़ा करने में चंपत राय का अहम योगदान रहा है। वे राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महासचिव हैं।
25 जनवरी, 1986 को वकील उमेश चंद्र पांडे ने मुकदमा दर्ज कराया। उन्होंने कोर्ट से विवादित स्थल का ताला खोलने और रामलला के दर्शन की अनुमति मांगी। 1 फरवरी को कोर्ट ने अनुमति दी।
1986 में राजीव गांधी ने गर्भगृह का ताला खोलने का आदेश दिया। तब उनकी सरकार शाहबानो केस में मुस्लिमों का पक्ष लेने का आरोप झेल रही थी। ऐसे में हिंदुओं को साधने के लिए ये कदम उठाया।
यूपी के सीएम मुलायम सिंह यादव के आदेश पर 30 अक्टूबर, 1990 को पुलिस ने कारसेवकों पर गोलियां बरसाई थीं। इसके चलते अगले चुनाव में उनकी सत्ता चली गई।
विश्व हिंदू परिषद के संस्थापक अशोक सिंघल का राम मंदिर आंदोलन में बड़ा योगदान रहा है। सिंघल ही अलग-अलग मतों और पंथों में बंटे साधु-समाज को एक मंच पर लेकर आए।
लालकृष्ण आडवाणी ने 25 सितंबर, 1989 को सोमनाथ से राम मंदिर के लिए रथ यात्रा की शुरुआत की थी। अब वे बीजेपी में मार्गदर्शक मंडल का हिस्सा हैं।
राम मंदिर आंदोलन में मुरली मनोहर जोशी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। 1992 में बाबरी विध्वंस के दौरान वे परिसर के पास ही मौजूद थे। वे भी अब बीजेपी मार्गदर्शक मंडल का हिस्सा हैं।
पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में ही 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी ढांचा गिराया गया। कुलदीप नैयर ने अपनी किताब में कहा है कि जब बाबरी ढांचा गिराया जा रहा था तो नरसिम्हा राव पूजा में लीन थे।
यूपी के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह पर बाबरी ढांचा गिराने की साजिश का आरोप लगा। बाबरी विध्वंस के बाद कल्याण सिंह सरकार बर्खास्त हो गई थी।
90 के दशक में मोदी BJP अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी की एकता यात्रा के संयोजक थे। बतौर PM उनके ही कार्यकाल में राम मंदिर केस की सुनवाई हुई और मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के KK मुहम्मद ने विवादित स्थल पर खुदाई कर वहां मंदिर से जुड़े सबूत दिए। उन्होंने कहा- खुदाई में मिले सबूत बताते हैं कि मंदिर कई गुना बड़ा रहा होगा।
जस्टिस रंजन गोगोई अयोध्या केस में फैसला देने वाली 5 जजों की संविधान पीठ के अध्यक्ष थे। वे 17 नवंबर, 2019 को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) पद से रिटायर हुए।