भुवनेश्वर। भारत ने नई पीढ़ी के आकाश मिसाइल Akash-NG का सफल टेस्ट किया है। फाइटर जेट, मिसाइल या ड्रोन, सतह से हवा में मार करने वाले इस मिसाइल से कोई टारगेट बच नहीं सकता।
आकाश एनजी को ओडिशा के समुद्र तट से टेस्ट किया गया। मिसाइल सभी मानकों पर खड़ा उतरा है। यह यूजर ट्रायल था। इसका मतलब है कि यह मिसाइल वायु सेना को दिए जाने के लिए तैयार है।
आकाश एनजी को तेज रफ्तार हवाई टारगेट के खिलाफ टेस्ट किया गया। टारगेट बेहद कम ऊंचाई पर था। इसने उसे सफलतापूर्वक हवा में ही नष्ट कर दिया। मिसाइल को ट्रेलर पर माउंट किया गया था।
आकाश NG नई पीढ़ी का स्टेट-ऑफ-द-आर्ट सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल (SAM) है। इसे लड़ाकू विमान और मिसाइल जैसे टारगेट को रोकने के लिए बनाया गया है।
आकाश एनजी छोटे रडार क्रॉस सेक्शन वाले और बेहद फुर्तीले टारगेट (जैसे-स्टील्थ फाइटर जेट) को भी निशाना बना सकता है। इसमें AESA मल्टी-फंक्शन रडार लगा है।
AESA रडार सर्च, ट्रैक और फायर कंट्रोल तीनों काम एक ही प्लेटफॉर्म से करता है। यह बेहद कॉम्पैक्ट सिस्टम है, जिसके चलते इसे कम वक्त में मुश्किल इलाकों में भी तैनात किया जा सकता है।
आकाश भारत का पहला स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम है। इसे एयरबेस, सैन्य अड्डे जैसे महत्वपूर्ण ठिकानों की हवाई हमले से रक्षा के लिए तैयार किया गया है।
आकाश सुपरसोनिक इंटरसेप्ट की क्षमता वाला दुनिया का सबसे सस्ता सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है। यह अपनी कैटेगरी के दूसरे कम रेंज वाले SAM की तुलना में 10 गुना बेहतर है।
आकाश मिसाइल सिस्टम एक बार में 10 टारगेट को नष्ट कर सकता है। आकाश एनजी 40 किलोमीटर तक टारगेट को नष्ट कर सकता है। पुराने वैरिएंट का रेंज 30 किलोमीटर है।