अरविंद केजरीवाल भारतीय राजनीति में एक ऐसा नाम हैं, जिन्हें किसी परिचय की जरूरत नहीं है। दिल्ली सीएम बनने के बाद वे युवाओं के लिए आशा की किरण बने।
सुनीता अपने पति के लिए एक मजबूत स्तंभ हैं, जो हर मुश्किल घड़ी में उनका साथ देती हैं। उनकी कहानी सच्चे प्यार और सादगी की मिसाल है।
अरविंद की राजनीतिक सफलता के पीछे सुनीता का मजबूत साथ है। उन्होंने ही अरविंद को राजनीति में उतरने का हौसला दिया। 2015 की जीत का श्रेय भी अरविंद ने अपनी पत्नी को दिया था।
राजनीति में सक्रिय होने के बावजूद, अरविंद निजी जीवन में बेहद सादगी पसंद हैं। वे पत्नी सुनीता, बेटे पुलकित और बेटी हर्षिता के साथ साधारण जीवन जीते हैं। सुनीता IRS अधिकारी रही हैं।
अरविंद केजरीवाल और सुनीता की पहली मुलाकात नागपुर में IRS ट्रेनिंग के दौरान हुई थी। इनका प्रेम पहली नजर का नहीं था। दोनों की दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदली।
अरविंद पहले प्यार में पड़े पर बताने में झिझकते थे। फिर जब हिम्मत कर उन्होंने सुनीता से प्यार का इजहार किया, तो सुनीता ने बिना देरी हां कर दी। यहीं से उनकी प्रेम कहानी शुरु हुई।
अरविंद और सुनीता के परिवारों ने इस रिश्ते पर खुशी जताई। अगस्त 1994 में उनकी सगाई हुई। दिसंबर 1994 में शादी हुई। 1995 में IRS की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद दोनों दिल्ली शिफ्ट हो गए।
1996 में उनकी बेटी हर्षिता का जन्म हुआ और 2001 में उनका परिवार बेटे पुलकित के जन्म से पूरा हो गया। दोनों बच्चे अपने माता-पिता की तरह ही पढ़ाई में अव्वल हैं और आईआईटीयन रहे हैं।
दिल्ली सीएम बनने से लेकर दिल्ली शराब घोटाला केस में अरविंद केजरीवाल के तिहाड़ जेल में बंद होने के बाद जिस तरह सुनीता ने पति और आप पार्टी को सपोर्ट किया वह अपने आप में मिसाल है।