चंद्रयान-3 का बजट 615 करोड़ रुपए है। धरती से चांद की दूरी 3,84400 KM है। इस लिहाज से चंद्रयान-3 मिशन पर हर KM सिर्फ 16 हजार रुपए खर्च हुए हैं।
चंद्रयान के लैंडर रोवर और प्रपल्शन मॉड्यूल को तैयार करने पर कुल 250 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, जबकि लांच सर्विस सहित दूसरे कामों पर 365 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-3 पर आया खर्च इससे पहले के मिशन पर हुए खर्चे से भी 363 करोड़ रुपये कम है। भारत के चंद्रयान-2 मिशन पर करीब 978 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।
2008 में इसरो के पहले चंद्रयान मिशन में करीब 386 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। चंद्रयान-2 और 3 में 978 और 615 करोड़ लगे। इस तरह तीनों मिशन में कुल 1,979 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
वहीं, अमेरिका ने अपना पहला लूनर मिशन 1960 में शुरू किया था। तब उसके मिशन का कुल खर्च 25.8 अरब डॉलर (करीब 2 लाख करोड़ रुपये) आया था।
आज के दौर में इसकी तुलना करें तो ये 178 अरब डॉलर बैठेगा। यानी भारतीय रुपए में अमेरिका के पहले मून मिशन का खर्च 14 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा है।
अमेरिका के मुकाबले इसरो के चंद्रयान मिशन का खर्च कुछ भी नहीं है। दोनों का अंतर देखा जाए तो अमेरिका का मिशन चंद्रयान से करीब 3000 गुना ज्यादा महंगा था।
अमेरिका ने अपने मून मिशन पर अब तक करीब 825 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं। देखा जाए तो ये भारत के चंद्रयान-3 मिशन से कई लाख गुना ज्यादा है।
वहीं, चीन के मून मिशन चांग-ई 4 का बजट करीब 69.38 लाख करोड़ रुपये था, जो कि भारत के चंद्रयान मिशन से कई गुना अधिक है।