देश का पहला 8 लेन द्वारका एक्सप्रेस वे फोर पैक मोटरवे है। इसकी लंबाई 563 किलोमीटर है। ये रोड नेशनल हाईवे 8 पर शिव मूर्ति से गुरुग्राम के खेड़की दौला टोल प्लाजा तक जाती है।
द्वारका एक्सप्रेस वे पूरा होने पर दिल्ली और हरियाणा के बीच कनेक्टिविटी अच्छी हो जाएगी। मानेसर से द्वारका और इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बीच की दूरी भी कम हो जाएगी।
द्वारका एक्सप्रेस वे के निर्माण में दो लाख टन स्टील का प्रयोग किया गया है जो पेरिस के एफिल टॉवर के निर्माण बने स्टील से 30 गुना अधिक है।
द्वारका एक्सप्रेस वे में लगभग 20 लाख क्यूबिक मीटर सीमेंट कंक्रीट का प्रयोग किया गया जो दुबई के बुर्ज खलीफा के निर्माण में इस्तेमाल किए गए से छह गुना अधिक है।
द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण के दौरान करीब 1200 पेड़ों को फिर से प्रत्यारोपित किया गया। किसी एक्सप्रेस के निर्माण के दौरान भारत में ऐसा पहली बार हुआ है।
देश की पहली 8-लेन 3.6 किमी लंबी शहरी सुरंग भी द्वारका एक्सप्रेस वे का हिस्सा है।