इसरो ने चंद्रयान-2 मिशन के ऑर्बिटर और चंद्रयान-3 के लैंडर के बीच कम्युनिकेशन स्थापित कराया। टु-वे कम्युनिकेशन में ऑर्बिटर ने लैंडर से कहा- 'वेलकम माई फ्रेंड!'
चंद्रयान-3 का फाइनल डी-बूस्टिंग ऑपरेशन पूरा हो चुका है। इसके बाद से स्पेसक्रॉफ्ट चंद्रमा से सबसे नजदीक 25 किलोमीटर और सबसे दूर 134 किमी पर है। डी-बूस्टिंग से स्पीड धीमा किया जाता।
चंद्रयान-3 को चंद्रमा की सतह पर 23 अगस्त की शाम 6.04 बजे लैंड कराया जाएगा। यह लैंडिंग 25 किमी की ऊंचाई से कराई जाएगी।
इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ ने कहा, 'अगर सब कुछ फेल हो जाता है, फिर भी लैंडिंग होगी। केवल एल्गोरिदम ठीक से काम करें। अगर विक्रम के दो इंजन काम नहीं करेंगे, तब भी लैंडिंग में सक्षम है।'
ISRO चीफ एस सोमनाथ ने साइंस टेक्नोलॉजी मंत्री जितेंद्र सिंह से मुलाकात कर चंद्रयान-3 का अपडेट दिया।
14 जुलाई को भारत का चंद्रमा पर तीसरा मिशन शुरू हुआ था। इस मिशन को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था।
चंद्रयान-3 अपनी लंबी यात्रा के दौरान 5 अगस्त को चांद की आर्बिट में प्रवेश किया था।
इसरो ने बताया कि इस ऐतिहासिल पल का बुधवार को 17.27 बजे से लाइव किया जाएगा। लाइव ISRO वेबसाइट, यूट्यूब, फेसबुक पेज और डीडी नेशनल के माध्यम से किया जाएगा।