Hindi

जानें क्यों अंतरिक्ष में खोज के लिए बेहतर बेस बन सकता है चांद?

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) का चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग करने जा रहा है। इसके चलते पूरी दुनिया की नजर इसरो पर टिक गई है।

Hindi

1969 में चांद पर पहुंचा था इंसान

यूं तो चंद्रमा पर अमेरिका ने 1969 में ही इंसान को पहुंचा दिया था, लेकिन कोई भी देश इसके दक्षिणी ध्रुव पर नहीं पहुंच पाया है।

Image credits: Twitter- BasicInc
Hindi

चंद्रमा पर हो रही पानी की खोज

माना जाता है कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पानी हो सकता है। पानी मिलता है तो चंद्रयान पर इंसान को लंबे वक्त तक रखा जा सकता है।

Image credits: ISRO
Hindi

बेस की तरह हो सकता है इस्तेमाल

पानी मिलने के बाद चांद को अंतरिक्ष की खोज के लिए बेस की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। कम गुरुत्वाकर्षण बल चांद को इसके लिए बेहतर जगह बनाता है।

Image credits: ISRO
Hindi

धरती से अंतरिक्षयान भेजने में लगती है अधिक ऊर्जा

धरती से जब हम किसी वस्तु को अंतरिक्ष भेजते हैं तो उसे पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के खिलाफ आगे बढ़ना होता है। इसमें अधिक ऊर्जा लगती है।

Image credits: ISRO
Hindi

कम है चांद का गुरुत्वाकर्षण बल

चांद का गुरुत्वाकर्षण बल धरती की तुलना में मात्र 17 फीसदी है। इसके चलते यहां से अंतरिक्ष यान को लॉन्च करना अधिक आसान होगा।

Image credits: ISRO
Hindi

बर्फ से बनाया जा सकता है इंधन

चंद्रमा पर बर्फ होने के संकेत मिले हैं। इसे पानी में बदलने पर ईंधन बनाया जा सकता है। इससे पृथ्वी से ईंधन भेजने की जरूरत नहीं होगी।

Image credits: ISRO
Hindi

पतला है चंद्रमा का वातावरण

चंद्रमा का वातावरण बहुत पतला है। इसलिए यह तारों को देखने के लिए भी एक बेहतरीन जगह है। पृथ्वी का वायुमंडल दूर स्थित तारों और आकाशगंगाओं से आने वाले प्रकाश को मोड़ देता है।

Image credits: Twitter- Just History

जानें क्यों धरती पर जीवन के लिए इतना जरूरी है चांद

चांद के करीब चंद्रयान-3: देखें लाइव लैंडिंग, जानिए कब और कहां उतरेगा?

कांग्रेस वर्किंग कमेटी का ऐलान, शामिल किए गए इन 39 नेताओं के नाम

ट्रैक पर उतरी नई ऑरेंज कल वंदेभारत एक्सप्रेस, सुविधाएं भी हैं लाजवाब