भारत का चंद्रयान तीन चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग की तैयारी कर रहा है। इस मौके पर आइए जानते हैं कि पृथ्वी पर जीवन के लिए चांद क्यों जरूरी है।
चंद्रमा समुद्र के ज्वार को नियंत्रित करता है। यह पृथ्वी की स्पिन धुरी को स्थिर करके पृथ्वी की जलवायु में भी योगदान देता है। इससे जीवन के विकास के लिए आदर्श वातावरण मिलता है।
चंद्रमा पृथ्वी पर मौसम, कुछ जानवरों के प्रवास चक्र और पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र जैसे कई क्षेत्रों में बड़ी भूमिका निभाता है।
पृथ्वी बनने के शुरुआती वक्त में चंद्रमा ने सौर हवाओं से इसके वायुमंडल की रक्षा की। उस समय चंद्रमा पृथ्वी के बहुत करीब था। इसके चुंबकीय क्षेत्र ने पृथ्वी के लिए ढाल की तरह काम किया।
पृथ्वी पर चंद्रमा और सूर्य के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से महासागरों में ज्वार पैदा होते हैं। माना जाता है कि ज्वार से खनिज और रसायन महासागरों में गए, जिससे जीवन की उत्पत्ति हुई।
चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण के कारण पृथ्वी का झुकाव अधिक स्थिर बिंदु पर बना हुआ है। इसके बिना पृथ्वी घूमते समय काफी ऊपर-नीचे डोलती।
चंद्रमा का निर्माण संभवतः मंगल के आकार के ग्रह के पृथ्वी से टकराने से हुआ था। इससे चट्टान और धूल के विशाल टुकड़े निकले जो पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाने लगे।
बाद में गुरुत्वाकर्षण की ताकत ने चट्टानों को एकसाथ जोड़ा और चंद्रमा का निर्माण हुआ। वैज्ञानिकों का मानना है कि चांद के बनने से पहले पृथ्वी को घूमने में केवल 6 से 8 घंटे लगते थे।
चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी के अपनी घुरी पर घुमने की गति को धीमा कर देता है, जिससे धरती को अपनी धुरी पर एक चक्कर घुमने में 24 घंटे लगते हैं।