वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट पेश किया। रक्षा क्षेत्र को 6.2 लाख करोड़ का बजट मिला है। बड़े बजट का लाभ है कि भारत के पास राफेल से लेकर विक्रांत जैसे ताकतवर हथियार हैं।
भारत ने फ्रांस से 36 राफेल फाइटर जेट खरीदे हैं। नौसेना के लिए 26 राफेल एम विमान खरीदे जाने हैं। चीन और पाकिस्तान के पास इसके टक्कर का फाइटर जेट नहीं है।
भारतीय नौसेना के पास दो विमान वाहक पोत हैं। एक का नाम आईएनएस विक्रांत और दूसरे का नाम आईएनएस विक्रमादित्य है। ऐसे युद्धपोत दुनिया के सिर्फ चंद देशों के पास हैं।
भारतीय वायुसेना के पास दुनिया के सबसे ताकतवर लड़ाकू विमानों में से एक सुखोई 30 एमकेआई है। इसे रूस से खरीदा गया है। रूस से लाइसेंस लेकर इसका निर्माण भारत में किया जा रहा है।
भारत उन खास देशों में से एक है जिसके पास खुद का लड़ाकू विमान बनाने की काबिलियत है। तेजस आकार में छोटा और हल्के वजन का फाइटर जेट है। यह अपनी कैटेगरी में सबसे अच्छा माना जाता है।
भारत ने हवाई हमले से बचाव के लिए रूस से S 400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदा है। इसके मिसाइलों का रेंज करीब 400 km है। मिसाइल से लेकर लड़ाकू विमान तक यह हर हवाई खतरे को नष्ट कर सकता है।
भारत उन खास देशों में से एक है जिसके पास हाइपरसोनिक इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइल है। अग्नि पांच के पास एक बार में कई परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता है।
ब्रह्मोस के रूप में भारत के पास दुनिया के सबसे बेहतर क्रूज मिसाइलों में से एक मिसाइल है। इसके रेंज को बढ़ाकर 500 किलोमीटर से अधिक किया गया है। इसके कई वैरिएंट हैं।
आईएनएस अरिहंत न्यूक्लियेर सबमरीन है। परमाणु ऊर्जा से चलने के चलते इसका रेंज असीमित है। इससे परमाणु अटैक करने वाले मिसाइलों को दागा जा सकता है।