हाथरस वाले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है। 15 साल पहले आगरा के शाहगंज केदारनगर में रहता था। दो कमरे के मकाने से प्रवचन शुरू किया था।
नारायण साकार हरि को लेकर स्थानीय लोगों ने मीडिया को बताया कि केदारनगर में उसके दो कमरों के मकान के सामने हैंडपंप लगा था, जिससे वह बीमारों के इलाज करने का दावा करता था।
हाथरस वाले बाबा ने आगरा की कोठी मीनाबाजार मैदान में जब सत्संग का आयोजन किया था। तब बारिश के चलते वहां मैदान में पानी भर गया, जिसे 20 हजार महिलाओं ने अपनी पल्लू से सुखाया था।
नारायण साकार हरि की कमेटी चला करती थी, जिसमें बस्तियों और मुहल्लों में औरतों को शामिल किया जाता था। सत्संग में आने वाली महिलाओं से 10-10 दिनों तक सेवा कार्य लिया जाता था।
महिलाएं अपने घर छोड़कर हाथरस वाले बाबा के यहां रहतीं। अपने घरों में उसकी तस्वीर लगाती और पूजा करती थी। बाबा के अनुयायी विरोधियों से दूरी बनाते अनपढ़ों और महिलाओं को जोड़ते थे।
भोले बाबा की कमेटी में जो लोग थे, वे चंदा जमा करते थे। 10-12 साल पहले आगरा के यमुनापार इलाके में सत्संग होने को लेकर स्थानीय करते हैं कि तब बड़े-बड़े लोगों ने चंदा दिया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 13 और 23 जुलाई को आगरा के सैंया और सिकंदरा में हाथरस वाले बाबा का सत्संग होने वाला था, प्रशासन से अनुमति भी मिल गई थी लेकिन अब ये निरस्त कर दिया गया है।