एक्टर से राजनेता बने पवन कल्याण विधानसभा चुनाव जीतकर आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बने हैं। वह सरकार से वेतन और भत्ता नहीं ले रहे हैं। हर संभव तरीके से राज्य का पैसा बचा रहे हैं।
पवन कल्याण विधानसभा में तीन दिन मौजूद रहे। इसके चलते उनका वेतन 35 हजार रुपए बना। सचिवालय के अधिकारी वेतन संबंधी डॉक्यूमेंट पर साइन कराने आए, लेकिन पवन ने मना कर दिया।
पवन कल्याण ने कहा है कि आंध्र प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इस वजह से वह वेतन और भत्ते नहीं ले रहे हैं।
पवन ने अपने ऑफिस में नए फर्नीचर लगाने से भी मना कर दिया। कुछ अधिकारी उनके पास आए थे। बताया था कि ऑफिस रिनोवेशन के लिए कुछ फर्नीचर खरीदने होंगे।
पवन ने अधिकारियों से कहा कि ऑफिस के रिनोवेशन की जरूरत नहीं है। कोई नया फर्नीचर नहीं खरीदना है। अगर जरूरी होगा तो मैं खुद खरीद लूंगा।
पवन कल्याण ने कहा कि पंचायत राज विभाग (जिसके वे मंत्री हैं) के पास पर्याप्त पैसे नहीं हैं। वह राज्य का एक-एक पैसा बचाना चाहते हैं ताकि उसका ठीक इस्तेमाल हो।