अमेरिका ने भारत को 31 MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन बेचने की मंजूरी दी है। इसका इस्तेमाल चीन- पाकिस्तान से लगी सीमा की निगरानी के लिए होगा। यह इतना घातक है कि दुश्मनों को इसका खौफ सताएगा।
MQ-9B प्रीडेटर या रीपर ड्रोन का इस्तेमाल US मध्यपूर्व में आतंकियों को खत्म करने के लिए करता है। यह जल्द ही भारत की सेना का हिस्सा होगा। 31 ड्रोन खरीदने के लिए बात चल रही है।
31 MQ-9B ड्रोन में से 15 सी गार्डियन ड्रोन होंगे। यह प्रीडेटर ड्रोन का नेवल वैरिएंट है। एयरफोर्स और सेना को 8-8 स्काई गार्डियन ड्रोन मिलेंगे।
नौसेना सी गार्डियन ड्रोन का इस्तेमाल हिंद महासागर क्षेत्र की निगरानी के लिए करेगी। वायुसेना और थल सेना द्वारा स्काई गार्डियन ड्रोन से चीन-पाकिस्तान से लगी सीमा पर नजर रखी जाएगी।
स्काई गार्डियन ड्रोन की मदद से भारतीय सेना दुश्मन के हर हरकत पर 24 घंटे नजर रख पाएगी। यह ड्रोन जमीन से सिर्फ 250 मीटर की ऊंचाई पर भी उड़ सकता है। इसे रडार से देख पाना कठिन है।
MQ-9B ड्रोन 50 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। इसकी टॉप स्पीड 442 km/h है। यह अपने 1700 किलो वजन लेकर उड़ सकता है। इसमें चार मिसाइल और 450 kg का बम शामिल है।
MQ-9B ड्रोन एक बार में 3218km तक उड़ान भर सकता है। यह लगातार 35 घंटे तक उड़ान भर सकता है। इसका इस्तेमाल किसी जगह की निगरानी करने या फिर सटीक हवाई हमला करने में होता है।
MQ-9B के नेवल वर्जन सी गार्डियन के पास जहाज और पनडुब्बी पर हमला करने की क्षमता है। 36 फीट लंबे इस ड्रोन के पंखों का फैलाव 66 फीट का है।
MQ-9B ड्रोन इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड, लिंक्स मल्टी-मोड रडार, मल्टी-मोड समुद्री निगरानी रडार, इलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट मेजर्स, लेजर डिजाइनर और कई तरह के हथियार से लैस है।
इस ड्रोन को दूर से दो सदस्यीय चालक दल द्वारा ऑपरेट किया जाता है। पायलट ड्रोन उड़ाता है। वहीं, दूसरा सदस्य सेंसर और हथियारों को ऑपरेट करता है।
रीपर 8 लेजर गाइडेड मिसाइलों, हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल -114 हेलफायर को लेकर उड़ सकता है। यह बेहद सटीक और ताकतवर मिसाइल है।