8 अक्टूबर को इंडियन एयरफोर्स डे है। वायुसेना के लिए फाइटर जेट उसके मुख्य हथियार होते हैं। भारतीय वायुसेना के पास सुखोई 30 एमकेआई, राफेल और मिराज 2000 जैसे ताकतवर लड़ाकू विमान हैं।
भारत ने फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदे हैं। चीन हो या पाकिस्तान किसी पड़ोसी के पास इसके टक्कर का कोई लड़ाकू विमान नहीं है। यह मल्टीरोल फाइटर जेट है।
सुखोई 30 एमकेआई IAF का मुख्य लड़ाकू विमान है। इसे रूस से खरीदा गया है। दो इंजन वाला यह विमान हर तरह के मिशन को अंजाम दे सकता है। हवाई लड़ाई में इसका सामना करना बेहद कठिन होता है।
मिराज 2000 एक इंजन वाला लड़ाकू विमान है। यह बेहद भरोसेमंद है। जमीन पर सटीक बमबारी में इसका इस्तेमाल होता है। बालाकोट एयर स्ट्राइक इसी विमान से किया गया था।
मिग-29 को भारत ने रूस से खरीदा था। यह एयर सुपीरियॉरिटी फाइटर जेट है। इसे अपग्रेड कर जमीन पर हमला करने की क्षमता से लैस किया गया है। इसके नेवल वर्जन का इस्तेमाल नौसेना करती है।
तेजस भारत का स्वदेशी फाइटर जेट है। एक इंजन वाला यह विमान आकार में छोटा और हल्का होने के चलते बेहद फुर्तीला है। इसे सीमा के पास के एयरबेस पर तैनात किया गया है।
मिग-21 बाइसन वायुसेना का पुराना फाइटर जेट है। यह रूसी विमान 2,230 km/h की रफ्तार से उड़ सकता है। मिग-21 को रिटायर किया जा रहा है और इसकी जगह तेजस को तैनात किया जा रहा है।
2 इंजन और 2 सीट वाला जगुआर पुराना अटैक प्लेन है। इसे ब्रिटेन से खरीदा गया था। जगुआर की अधिकतम रफ्तार 1,342 km/h और रेंज 2,730 है। इसका इस्तेमाल जमीन पर भारी बमबारी के लिए होता है।
IAF का मुख्य अटैक हेलीकॉप्टर AH-64E अपाचे है। इसे अमेरिकी कंपनी बोइंग से खरीदा गया है। हवाई बमबारी के साथ ही यह हेलीकॉप्टर के खिलाफ लड़ाई में भी इस्तेमाल हो सकता है।
IAF को हिमालय की ऊंची चोटियों की रक्षा करनी होती है। इसे ध्यान में रखकर HAL ने अटैक हेलीकॉप्टर प्रचंड तैयार किया है। यह एकमात्र हेलीकॉप्टर है जो 5000m ऊंचे इलाके से ऑपरेट होता है।