जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट-यासीन गुट का अध्यक्ष यासीन मलिक तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा।
यासीन मलिक पर टेरर फंडिंग का आरोप है। उस पर कश्मीर में आतंकवाद को प्रश्रय देने का आरोप है।
यासीन मलिक ने अपने संगठन जेकेएलएफ-वाई के प्रतिबंध को हटाने के लिए ट्रिब्यूनल में एफिडेविट दिया है।
मलिक ने दावा किया है कि 1994 में ही उसने हथियार को रख दिया और हिंसा के रास्ते को छोड़ गांधीवादी रास्ता अपना लिया।
यासीन मलिक ने कहा कि वह पूरी तरह से गांधीवादी हो चुका है। वह अब गांधीवादी तरीके से ही प्रतिरोध भी कर रहा।
यासीन मलिक ने 1988 में जेकेएलएफ-वाई बनाया था। इस संगठन पर 1990 में एयरफोर्स के चार लोगों की हत्या का आरोप है।
वायुसेना कर्मचारियों की हत्या में यासीन मलिक का नाम मुख्य शूटर के रूप में सामने आया था।
यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के लिए 2022 में उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी।