Hindi

कोलकाता रेप मर्डर केस: क्या है पॉलीग्राफ टेस्ट, कब और कैसे होता है

Hindi

पॉलीग्राफ यानी लाइ डिटेक्टर टेस्ट

पॉलीग्राफ टेस्ट को लाई डिटेक्टर यानी झूठ पकड़ने वाले टेस्ट के रूप में भी जाना जाता है। ये एक ऐसी मशीन है, जो कि शरीर में होने वाले बदलावों को माप कर सच-झूठ का पता लगाती है।

Image credits: freepik
Hindi

पॉलीग्राफ टेस्ट में क्या करते हैं?

पॉलीग्राफ टेस्ट में क्राइम करने वाले से कुछ सवाल किए जाते हैं। जब वो जवाब देता है तो मशीन के जरिए साइकोलॉजिस्ट पल्स रेट, ब्लड प्रेशर, हार्टबीट को ग्राफ से मापते हैं।

Image credits: freepik
Hindi

कैसे होता है पॉलीग्राफ टेस्ट?

शरीर के अलग-अलग अंगों में तार जोड़े जाते हैं, जिन्हें मशीन से कनेक्ट किया जाता है। सीने पर एक बेल्ट बांधी जाती है, जिसे न्यूमोग्राफ ट्यूब कहते हैं। इससे हार्ट बीट मापी जाती है।

Image credits: freepik
Hindi

अपराधी के ब्लड प्रेशर की भी मॉनिटरिंग

इसके अलावा आरोपी की उंगलियों पर लोमब्रोसो ग्लव्स बांधे जाते हैं। साथ ही हाथों पर पल्स कफ बांधते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर को मॉनीटर करते हैं।

Image credits: freepik
Hindi

क्रिमिनल की उंगलियों की मूवमेंट पर भी नजर

इसके बाद आरोपी से सवाल पूछा जाता है। जवाब देने के दौरान उसकी हार्ट बीट, पल्स रेट, उंगलियों की मूवमेंट की मॉनिटरिंग स्क्रीन पर होती है।

Image credits: freepik
Hindi

हाव-भाव की मॉनिटरिंग के एनालिसिस से पता चलता है सच-झूठ

पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान साइकोलॉजिस्ट एक्सपर्ट्स अपराधी के हर एक हाव-भाव और शरीर में होने वाले बदलावों की मॉनिटरिंग करते हैं। बाद में इनके विश्लेषण सच-झूठ का पता लगाते हैं।

Image credits: freepik
Hindi

जानें किसने और कब की पॉलीग्राफ टेस्ट की शुरुआत

पॉलीग्राफ टेस्ट की शुरुआत 1921 में हुई। इसका श्रेय अमेरिकी फिजियोलॉजिस्ट जॉन ऑगस्टस लार्सन को जाता है। 1924 के बाद अपराधियों से पूछताछ में लगातार इसका इस्तेमाल हो रहा है।

Image credits: freepik
Hindi

कैसे पकड़ा जाता है अपराधी

पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान एक सीरीज़ में कई सवाल पूछे जाते हैं। अगर कोई शख्स झूठ बोलता है तो उसके ग्राफ में तय पैमानों से अलग चीजें नजर आती हैं, जिसे साइकोलॉजिस्ट समझ लेते हैं।

Image credits: freepik

चीन की दीवार से लेकर भारत-पाक सीमा तक, ये हैं सबसे चर्चित बॉर्डर

एक ऋषि तो 1 राजा के नाम पर पड़ा जम्मू-कश्मीर का नाम, दिलचस्प है कहानी

क्या किसी भी जमीन पर दावा कर सकता है वक्फ बोर्ड, जिसकी ताकत हो रही कम!

क्या होता है पॉलिटिकल असाइलम, लंदन ही क्यों जाना चाहती हैं शेख हसीना?