गुरुवार, 8 अगस्त 2024 को वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पेश किया। इस बिल के पेश होते ही सदन में हंगामा मच गया। इसके साथ ही सबसे ताकतवर मुस्लिम संस्था एक बार फिर चर्चा में है।
कानूनी शब्दों में इस्लाम में कोई व्यक्ति जब धार्मिक वजहों से या भगवान के नाम पर अपनी संपत्ति दान करता है तो वक्फ कहलाता है। इसमें चल या अचल दोनों तरह की संपत्ति हो सकती है।
वक्फ में मिलने वाली जमीन या संपत्ति की देखरेख करने वाली संस्था वक्फ बोर्ड है। साल 1954 में संसद ने वक्फ एक्ट 1954 कानून बनाया था। पाकिस्तान जाने वालों की जमीन वक्फ बोर्ड को दी गई।
रेलवे और सेना के बाद सबसे ज्यादा जमीन वक्फ बोर्ड के पास ही है। वक्फ बोर्ड की कुल जमीन 9.4 लाख एकड़ है। कुल अचल संपत्तियों की संख्या 8.72 लाख। कुल रेवेन्यू 200 करोड़ रुपए सालाना।
जानकारों के मुताबिक, वक्फ बोर्ड किसी जमीन पर दावा नहीं कर सकता है। उन्हीं जमीन पर दावा कर सकता है, जो देश के बंटवारे से पहले राजस्व रिकॉर्ड में वक्फ संपत्ति के तौर पर दर्ज हैं।
वो संपत्ति जिसे सरकार ने 1954 में वक्फ बोर्ड को दी, उस पर भी दावा कर सकती है। हालांकि, इसके लिए वक्फ बोर्ड के पास दस्तावेज होना जरूरी है। इसके बिना जमीन पर कब्जा नहीं कर सकता है।
जानकारों के मुताबिक, वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की एंट्री, महिलाओं की भागीदारी, सरकार का कंट्रोल बढ़ाना, जिला मजिस्ट्रेट ऑफिस में रजिस्ट्रेशन जैसे बदलाव सरकार करना चाहती है।