बांग्लादेश में विरोध-प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने इस्तीफा दे दिया है। दावा है कि शेख हसीना मिलिट्री हेलिकॉप्टर से भारत आ गई हैं और पश्चिम बंगाल में हैं
शेख हसीना का जन्म 28 सितंबर 1947 को हुआ। उनके पिता बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान थे। उनका शुरुआती पढ़ाई पूर्वी बंगाल के तुंगीपाड़ा में हुई, बाद में फैमिली ढाका शिफ्ट हुई
शेख हसीना राजनीति में नहीं आना चाहती थी। 1966 में ईडन महिला कॉलेज में पढ़ने के दौरान राजनीति में दिलचस्पी आई और फिर यूनिवर्सिटी ऑफ ढाका में स्टूडेंट पॉलिटिक्स में एक्टिव हो गईं।
1975 में बांग्लादेशी सेना की बगावत में हथियारबंद लड़ाकों ने शेख हसीना की मां, पिता और तीन भाइयों की हत्या कर दी। तब शेख हसीना पति वाजिद मियां और छोटी बहन के साथ यूरोप में थीं।
माता-पिता और भाईयों की हत्या के बाद शेख हसीना कुछ समय तक जर्मनी की शरण में रहीं फिर इंदिरा गांधी की सरकार ने उन्हें भारत में शरण दी। दिल्ली में बहन के साथ वो करीब 6 साल तक रहीं।
साल 1981 में शेख हसीना बांग्लादेश लौटीं। एयरपोर्ट पर उनका जोरदार स्वागत हुआ। साल 1986 में पहली बार आम चुनाव में लड़ी और हार गईं लेकिन नेता प्रतिपक्ष बनकर आवाज बुलंद कीं।
1991 में पहली बार बांग्लादेश में स्वतंत्र चुनाव हुए। इसमें शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग को हार मिली। 1996 के चुनाव में उनकी पार्टी को भारी बहुमत मिला और पहली बार प्रधानमंत्री बनीं
शेख हसीना पहली बार 1975 में परिवार की हत्या के बाद बच गई थीं फिर 2004 में उन पर ग्रेनेड से हमला हुआ, जिसमें वो बुरी तरह घायल हो गई थी। इस हमले में 24 लोगों की मौत हुई थी।