लोकसभा चुनाव के पहले फेज में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर मतदान चल रहा है। सीटों के हिसाब से यह सबसे बड़ा चरण है।
कोई भी चुनाव हो, उसे सही तरह कराने की जिम्मेदारी सरकारी कर्मचारियों को दी जाती है। उन्हीं की ड्यूटी लगाई जाती है। पोलिंग बूथ उनके ही जिम्मे रखा जाता है।
ऐसे सरकारी कर्मचारी, जिनकी चुनाव में ड्यूटी लगाई जाती है, उन्हें मेहनताना भी दिया जाता है, जो उनकी प्रोफाइल के हिसाब से कम या ज्यादा हो सकता है।
चुनाव में ड्यूटी करने वाला सरकारी कर्मचारियों को उनके काम और पद के हिसाब से पैसा दिया जाता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पीठासीन अधिकारी को 1,550 रुपए मिलते हैं।
चुनाव के लिए अगर किसी पीठासीन अधिकारी को रिजर्व में रखा गया है तो उन्हें मेहनताना के तौर पर 850 रुपए दिया जाता है।
लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा या कोई अन्य चुनाव, सभी में चुनावी ड्यूटी करने वाले मतदान कर्मचारियों प्रथम को 1,150 रुपए दिए जाते हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, पोलिंग बूथ और मतदान करवाने वाले द्वितीय कर्मचारियों को 900 रुपए का मेहनताना दिया जाता है।
चुनाव में रिजर्व में रखे गए मतदान कर्मचारी प्रथम-द्वितीय को 650 रुपए और तृतीय मतदान कर्मचारी के लिए 450 रुपए तय हैं।