आचार संहिता लागू होते ही सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी ऐसे आयोजन में नहीं कर सकते हैं, जिससे किसी विशेष राजनीतिक दल को फायदा पहुंचता हों।
सरकारी गाड़ी, सरकारी प्लेन या सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है।
सरकारी गाड़ियां इस्तेमाल किसी राजनीतिक दल या उम्मीदवार को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं किया जा सकता है।
सरकारी घोषणाएं, लोकार्पण, शिलान्यास या भूमिपूजन नहीं किए जा सकते हैं।
प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर से जुड़े सभी अधिकारियों और पदाधिकारियों के ट्रांसफर और तैनाती पर पाबंदी लग जाती है।
प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में सरकारी खजाने से राजनीतिक पार्टी की उपलब्धियों से जुड़े विज्ञापन पर खर्च नहीं किया जा सकता है।
सत्ता में रहने वाली पार्टी अपनी उपल्बिधियों वाले जो होर्डिंग या विज्ञापन सरकारी खर्च से लगवाएं हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाता है।
किसी भी राजनीतिक पार्टी, प्रत्याशी या समर्थकों को रैली या जुलूस निकालने या चुनावी सभा करने की पहले पुलिस से अनुमति लेना अनिवार्य होता है।
राजनीतिक दल जाति या धर्म के आधार पर मतदाताओं से वोट की मांग नहीं कर सकते हैं। ये आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा।
संबंधित राज्य या केंद्र की सरकार की आधिकारिक वेबसाइटों से मंत्रियों, राजनेताओं और राजनीतिक दलों के सभी चीजों को हटा दिया जाता है।
कृषि से जुड़े प्रोडक्ट्स का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करने के लिए सत्ताधारी पार्टी को चुनाव आयोग से सलाह और अनुमति लेना होगा।