केंद्र सरकार ने 11 मार्च को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का नोटिफिकेशन जारी किया। इसके साथ ही ये कानून पूरे देश में लागू हो गया है।
CAA कानून के तहत 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए 3 देशों के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलेगी। ऐसे में सवाल उठता है कि इसके बाद आए लोगों का क्या होगा?
CAA कानून के तहत अभी उन लोगों को ही भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है, जो 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आ गए। हालांकि, कहा जा रहा है कि सीएए की कटऑफ डेट बढ़ाई जा सकती है।
CAA के तहत भारत की नागरिकता पाने वाले लोगों को आवेदन करने की तारीख से पहले देश में कम से कम 12 महीने तक रहना जरूरी है। ऐसा नहीं होने पर वे आवेदन के लिए पात्र नहीं होंगे।
भारत में 1 साल तक लगातार रहने से ठीक पहले के 8 सालों के दौरान भी आवेदकों द्वारा देश में कम से कम 6 साल बिताया गया हो, तभी उन्हें भारत की नागरिकता देने के लिए पात्र माना जाएगा।
CAA के तहत आवेदन करने वाले को ये घोषणा पत्र भी देना होगा कि वो अपनी मौजूदा नागरिकता को हमेशा के लिए छोड़ रहे हैं और अब भारत को ही अपना परमानेंट घर बनाना चाहते हैं।
भारतीय नागरिकता कानून 1955 में अब तक 6 बार बदलाव हो चुका है। पहले भारत की नागरिकता लेने के लिए 11 साल तक भारत में रहना जरूरी था। नए कानून में इसे घटाकर 6 साल कर दिया गया।