जम्मू-कश्मीर के रियासी में रविवार को आतंकियों ने तीर्थयात्रियों से भरी बस पर हमला किया, जिससे 9 लोगों की मौत हो गई। आतंकियों ने अमेरिकी राइफल M4 का इस्तेमाल किया।
M4 कार्बाइन को 1980 के दशक में विकसित किया गया था। इसका इस्तेमाल पाकिस्तानी सेना और सिंध पुलिस करती है।
आतंकियों द्वारा M4 इस्तेमाल किए जाने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये हथियार उन्हें पाक सेना से मिले। आतंकियों को जिस तरह पाक सेना मदद करती है उससे इसमें सच्चाई भी हो सकती है।
एम4 कार्बाइन बेहद घातक हथियार है। मजबूत, सरल और सटीक होना इसकी खासियत है। इसे अमेरिकी सैनिक भी इस्तेमाल करते हैं।
एम4 कार्बाइन कोल्ट M16A2 असॉल्ट राइफल का छोटा और हल्का संस्करण है। इसमें सेमी-ऑटोमैटिक और तीन-राउंड बर्स्ट फायरिंग ऑप्शन मिलते हैं।
एम4 कार्बाइन से 5.56×45 मिमी की गोली चलाई जाती है। यह गैस-ऑपरेटेड, एयर-कूल्ड, मैगजीन-फेड गन है। इसमें मल्टी-पोजिशन टेलीस्कोपिंग स्टॉक लगाने की सुविधा है।
एम4 कार्बाइन के बैरल की लंबाई 14.5 इंच है। खाली रहने पर इसका वजन 3.01 किलो है। इससे 500 मीटर दूर तक हमला किया जा सकता है।
एम4 कार्बाइन से 700–950 राउंड प्रति मिनट की रफ्तार से गोली चलाई जा सकती है। इसके एक मैगजीन में 30 गोली लगती है। इससे बड़ी मैगजीन भी उपलब्ध है।