76वें गणतंत्र दिवस के परेड में पहली बार भारत का प्रलय मिसाइल दिखाया गया। यह भारत की पहली टेक्टिकल अर्ध-बैलिस्टिक मिसाइल है। इससे चीन और पाकिस्तान को डर लगा रहता है।
प्रलय सतह से सतह पर मार करने वाला बैलिस्टिक मिसाइल है। हवा में उड़ते वक्त यह अपना रास्ता बदलता है, जिससे इसे रोक पाना मुश्किल होता है।
प्रलय मिसाइल का रेंज 150-500 km है। यह ठोस इंधन से चलता है। इसे बहुत तेजी से तैनात किया जा सकता है। इस मिसाइल को लॉन्च करने बेहद कम समय लगता है।
प्रलय अपने साथ 350-700kg विस्फोटक ले जा सकता है। इससे युद्धक्षेत्र में दुश्मन के ठिकानों पर हमला किया जा सकता है।
प्रलय मिसाइल को DRDO ने विकसित किया है। इसे चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा पर तैनात किया गया है।
प्रलय मिसाइल लॉन्चर सिस्टम में दो मिसाइल एक साथ रहते हैं। अशोक लेलैंड के 12x12 हाई-मोबिलिटी वाहन पर इसे लगाया गया है।
भारतीय वायुसेना ने दिसंबर 2022 में 120 प्रलय मिसाइलों का ऑर्डर दिया था। 2023 में भारतीय सेना ने 250 मिसाइल का ऑर्डर दिया है।
भारत ने प्रलय मिसाइल को पाकिस्तान से लगी LAC (Line of Actual Control) और चीन से लगी सीमा LoC (Line of Control) पर तैनात कर दोनों पड़ोसियों को साफ संदेश दिया है।
चीन और पाकिस्तान दोनों ने भारत से लगी सीमा पर अपने मिसाइलों की तैनाती की है। पाकिस्तान ने LoC पर चीन से लिए गए HQ-9 सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल तैनात किए हैं।
चीन ने LAC पर HQ-9 और कई अन्य जमीन से हवा और जमीन से जमीन पर मार करने वाले मिसाइल तैनात किए हैं।