धर्म ग्रंथों के अनुसार, अगहन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहते हैं। ये एकादशी का महत्व अन्य एकादशियों से काफी अधिक बताया गया है।
पंचांग के अनुसार, अगहन शुक्ल एकादशी तिथि 22 दिसंबर, शुक्रवार की सुबह 08:16 23 दिसंबर, शनिवार की सुबह 07:12 तक रहेगी। इस तरह ये एकादशी 2 दिन तक रहेगी।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, चूंकि एकादशी तिथि 22 दिसंबर, शुक्रवार को दिन भर रहेगी, इसलिए इसी दिन ये मोक्षदा एकादशी का व्रत किया जाएगा।
महाभारत युद्ध के दौरान भगवान श्रीकृष्ण ने अगहन शुक्ल एकादशी तिथि पर ही गीता का उपदेश दिया था। गीता से मोक्ष की प्राप्ति होती है, इसलिए इस एकादशी का नाम मोक्षदा है।
मोक्षदा एकादशी पर ही गीता जयंती का पर्व भी मनाया जाता है। गीता एकमात्र ऐसा ग्रंथ है, जिसकी जयंती मनाई जाती है। गीता जयंती का पर्व भी 22 दिसंबर, शुक्रवार को ही मनाया जाएगा।
इस बार मोक्षदा एकादशी पर कईं शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन सर्वार्थसिद्धि के साथ-साथ शिव और बुधादित्य नाम का राजयोग भी रहेगा। इन योगों में ये व्रत करना और भी शुभ रहेगा।