सावन का अधिक मास 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगा। इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण को खास चीजों का भोग लगाया जाए तो संकट से बचा जा सकता है। आगे जानिए इन भोगों के बारे में…
भगवान श्रीकृष्ण को खीर का भोग मुख्य रूप से लगाया जाता है। लेकिन ध्यान रखें खीर में गाय के दूध का उपयोग होना चाहिए और इसमें थोड़ी केसर और तुलसी के पत्ते भी जरूर डालें।
भगवान श्रीकृष्ण को पीले फल जैसे केले, आम, पपीता के साथ पीले रंग की मिठाई का भोग भी विशेष रूप से अधिक मास में लगाना चाहिए। इससे गुरु ग्रह से संबंधित शुभ फल प्राप्त होते हैं।
ये भोग श्रीकृष्ण के लिए ही बनाया जाता है। ये विशेष प्रकार का हलवा होता है जिसमें दूध, काजू, बादाम आदि ड्राय फ्रूट डाले जाते हैं। ये भोग चढ़ाने से भी श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं।
भगवान श्रीकृष्ण का भोग बिना माखन-मिश्री के पूरा नहीं हो सकता। ध्यान रखें ये भोग पूरी तरह से शुद्धतापूर्वक तैयार किया गया हो। ये भोग लड्डूगोपाल को विशेष रूप से प्रिय है।
भगवान श्रीकृष्ण को पंचामृत का भोग भी विशेष रूप से लगाया जाता है। इसमें दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण होता है। इसमें तुलसी के पत्ते भी जरूर डालें।
पंजीरी एक प्रकार की मिठाई होती है, जो आटे को घी में भूनकर उसमें धनिया, सोंठ, जीरा आदि मिलाकर बनाई जाती है। ये भोग भी भगवान श्रीकृष्ण को विशेष रूप से प्रिय है।