अक्षत का अर्थ है अखंडित चावल। इसे पूजा में सबसे पवित्र वस्तुओं में से एक माना जाता है।
अक्षत की भूसी एक प्राकृतिक कवच की तरह इसकी पवित्रता की रक्षा करती है, इसलिए यह कभी खराब नहीं होता और पूर्णता का प्रतीक है।
देवी-देवताओं को अक्षत चढ़ाना पूर्ण माना जाता है और सौभाग्य में वृद्धि करता है।
श्राद्ध और तर्पण में अक्षत का प्रयोग करने से पितरों की तृप्ति होती है और परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है।
हल्दी से रंगे 21 पीले अक्षत पर्स या धन स्थान पर रखने से देवी लक्ष्मी की कृपा बढ़ती है।
प्रतिदिन सुबह सूर्य को जल, रोली और अक्षत अर्पित करने से सौभाग्य, स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
घर के मुख्य द्वार और प्रमुख स्थानों पर पीले चावल छिड़कने से शुभ ऊर्जा, समृद्धि और शांति आती है।
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