सोम के बाद मंगल और बुध के बाद गुरुवार ही क्यों आता है?
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सोम के बाद मंगल और बुध के बाद गुरुवार ही क्यों आता है?

कैसे तय हुआ वारों का क्रम?
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कैसे तय हुआ वारों का क्रम?

सप्ताह में 7 दिन होते हैं और इन सभी का क्रम तय है जैसे सोमवार के बाद मंगलवार आता है और बुधवार के बाद गुरुवार, लेकिन क्या आप जानते हैं ये क्रम किसने और क्यों तय किया?

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अथर्ववेद में लिखा है श्लोक
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अथर्ववेद में लिखा है श्लोक

दरअसल सप्ताह का ये क्रम हमारे वेदों में लिखा है। अथर्व वेद के एक श्लोक के अनुसार- आदित्य: सोमो भौमश्च तथा बुध बृहस्पति:। भार्गव: शनैश्चरश्चैव एते सप्त दिनाधिपा:।।

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ऐसे तय हुए सप्ताह के दिन
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ऐसे तय हुए सप्ताह के दिन

अथर्ववेद के इस श्लोक में सोमवार से लेकर रविवार तक सभी दिनों का क्रम लिखा है जैसे आदित्य यानी सूर्य जिससे रविवार हुआ और इसके बाद सोमवार, मंगलवार, भार्गव यानी शुक्रवार आदि।

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होरा से तय हुआ वार का नाम

ज्योतिष के अनुसार, एक दिन यानी 24 घंटे में 24 होरा होती है। हर होरा पर एक ग्रह का विशेष प्रभाव होता है। हर दिन के पहले होरे का स्वामी उस ग्रह का होता है जिसका वो वार होता है।

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होरा से तय होता है शुभ मुहूर्त

जैसे रविवार की पहले होरा का स्वामी सूर्य है, उसी तरह सोमवार की पहले होरा का स्वामी चंद्रमा है। मंगलवार की पहली होरा का स्वामी मंगल और बुध की पहली होरा का स्नामी बुध होता है।

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इस मंत्र में भी लिखा है वारों का क्रम

इस मंत्र में भी वारों का क्रम है- ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी, भानु: (सूर्य) शशि (चंद्र) भूमि सुतो (मंगल) बुधश्च (बुध), गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव, सर्वे ग्रहा शांति करा भवन्तु।

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