Maha Kumbh 2025: साधु-संत क्यों पहनते हैं भगवा कपड़े? जानें 5 कारण
Spiritual Jan 18 2025
Author: Manish Meharele Image Credits:Getty
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गेरूए कपड़े ही क्यों पहनते हैं साधु-संत?
प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ 2025 शुरू हो चुका है। इस मेले में लाखों साधु-संत विचित्र वेश-भूषा में नजर आ रहे हैं, लेकिन इन सभी में एक बात समान है वो है गेरूए यानी भगवा वस्त्र।
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साधुओं की पहचान है भगवा
भगवा वस्त्र साधु-संतों की पहचान है। बिना भगवा वस्त्र के साधु-संतों की कल्पना भी नहीं की जाती है। भले ही कोई कितना भी बड़ा सिद्ध संत ही क्यों न हो, वह भी भगवा वस्त्र ही पहनता है।
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अग्नि का रंग है भगवा
साधु-संतों के भगवा वस्त्र पहनने के पीछे कईं कारण हैं जैसे- भगवा रंग आध्यात्म का प्रतीक है। अग्नि का रंग भी भगवा होता है जो बहुत पवित्र होती है। अग्नि को भगवान का मुख भी कहते हैं।
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भगवा में शामिल है चार तत्व
भगवा रंग में पंच तत्वों में 4 के नाम शामिल हैं, भ से भूमि, ग से गगन यानी आकाश, व से वायु और अ की मात्रा से अग्नि। इसलिए भी भगवा रंग को बहुत ही पवित्र माना गया है।
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आज्ञा चक्र का रंग भी भगवा
हमारे शरीर में 7 चक्र होते हैं, जिनमें आज्ञा चक्र भी है। इस चक्र का रंग भी गेरूए यानी भगवा माना गया है। जिस व्यक्ति का आज्ञा चक्र विकसित हो जाता है वह सीधे परमात्मा से जुड़ जाता है।
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भगवा से मिलती है खुशी
Color Therapy: Healing with Color किताब की मानें तो भगवा रंग हमें अंदर से सुखी और शांत रखता है। ये रंग हमारे दिन को को हैप्पी सिग्नल्स यानी खुशहाली के संकेत भी देता है।