क्या आप जानते हैं भीष्म पितामह के पूर्व जन्म की इंटरेस्टिंग स्टोरी?
Spiritual Jan 17 2025
Author: Manish Meharele Image Credits:Chat GPT
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कब है भीष्म पितामह जयंती 2025?
हर साल माघ मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि पर भीष्म पितामह की जयंती मनाई जाती है। इस बार ये तिथि 23 जनवरी, गुरुवार को है। इस मौके पर जानें भीष्म पितामह से जुड़ी रोचक बातें…
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जब वसुओं ने चुराई ऋषि की गाय
महाभारत के अनुसार, एक बार अष्ट वसु, जो 33 देवताओं में आते हैं, उन्होंने ऋषि वशिष्ठ की गाय का हरण कर लिया। क्रोधित होकर ऋषि वशिष्ठ ने उन्हें धरती पर जन्म लेने का श्राप दे दिया।
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ऋषि ने दिया वसुओं को श्राप
बाद में जब वसुओं ने ऋषि वशिष्ठ से क्षमा मांगी तो उन्होंने 7 वसुओं को तो जल्दी ही इस श्राप से मुक्ति की बात कही लेकिन द्यौ नाम के आठवें वसु को लंबे समय तक धरती पर रहने को कहा।
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पूर्व जन्म में कौन थे भीष्म?
यही द्यौ नामक वसु भीष्म के रूप में जन्में। श्राप के कारण ही भीष्म आजीवन कुंवारे और बिना संतान के रहे। इच्छा मृत्यु का वरदान होने के बाद भी उन्हें लंबे समय तक जीवित रहना पड़ा।
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किसने दिया था इच्छा मृत्यु का वरदान?
भीष्म को इच्छा मृत्यु का वरदान उनके पिता राजा शांतनु ने ही दिया था। क्योंकि भीष्म ने उनकी खुशी को ध्यान में रखते हुए आजीवन ब्रह्मचारी रहने की प्रतिज्ञा की थी।
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कब हुई थी भीष्म की मृत्यु?
महाभारत युद्ध समाप्त होने 58 दिन बाद भीष्म की मृत्यु थी। क्योंकि भीष्म जब घायल थे,उस समय सूर्य दक्षिणायन थे। सूर्य के उत्तरायण होने पर ही भीष्म ने प्राण त्यागे थे।