आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताया है कि आग, पानी, स्त्री सहित कौन 6 आदमी की मौत का कारण बन सकते हैं। आगे जानिए कौन हैं ये 6 और इनके कैसे हो सकती है मौत…
अग्निराप: स्त्रियो मूर्खा: सर्पा राजकुलानि च।
नित्यं यत्नेन सेव्यानि सद्य: प्राणहराणि षट्।।
अग्नि, जल, स्त्रियां, मूर्ख, सांप और राजपरिवार, इनसे हमेशा सावधान रहना चाहिए, ये 6 कभी भी मौत का कारण बन सकते हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, अग्नि से हमेशा पर्याप्त दूरी बनाकर रखना चाहिए। यदि आग के अधिक नजदीक जाएंगे तो निश्चित रूप से हमारी मौत का कारण बन सकती है।
नदी या तालाब की गहराई के बारे में पता न हो तो उसमें उतरना नहीं चाहिए। कई बार अच्छे-अच्छे तैराक भी पानी की गहराइयों में जाकर वापस नहीं लौटते यानी उनकी मृत्यु हो जाती है।
स्त्री के साथ लगातार संभोग करने से शरीर कमजोर हो जाता है, जिससे इम्युनिटी पॉवर खत्म हो जाती है। ऐसे शरीर को कईं तरह की बीमारियां घेर लेती हैं और इनसे मृत्यु भी संभव है।
मूर्ख व्यक्ति से हमेशा बचकर रहना चाहिए। कईं बार ये अपनी मूर्खता में कोई ऐसा काम कर बैठते हैं जिससे हमारी जान भी जा सकती है। मूर्ख व्यक्ति को गुप्त बातें भी नहीं बतानी चाहिए।
सांप भले ही छोटा क्यों न हो, लेकिन उसका जहर किसी को मारने के लिए काफी होता है। इसलिए सांपों से हमेशा दूर रहना चाहिए। इनके नजदीक जाना मृत्यु का कारण बन सकता है।
राजपरिवार से अर्थ है किसी बड़े नेता का परिवार। ऐसे लोगों से अधिक नजदीकी हमारे लिए खतरे का कारण बन सकती है। इसलिए इनसे पर्याप्त दूरी बनकर रखना चाहिए।