स्त्री की सुंदरता कब और किस स्थिति में बेकार मानी जाती है?
Spiritual Jun 11 2024
Author: Manish Meharele Image Credits:adobe stock
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जानें चाणक्य नीति के लाइफ मैनेजमेंट
आचार्य चाणक्य भारत के महान विद्वान थे। उन्होंने अपनी एक नीति में बताया है कि सुंदरता, ज्ञान और धन किन परिस्थितियों में व्यर्थ हैं। आगे जानिए इस नीति से जुड़ा लाइफ मैनेजमेंट…
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गुणहीन स्त्री की सुंदरता व्यर्थ है
आचार्य चाणक्य के अनुसार यदि कोई महिला बहुत सुंदर हो, लेकिन उसमें कोई अच्छा गुण न हो तो ऐसी सुंदरता किसी काम की नहीं होती। ऐसी सुंदरता सिर्फ एक छलावा होती है।
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ऐसा व्यक्ति भी किसी काम का नहीं
आचार्य चाणक्य के अनुसार, दुष्ट स्वभाव वाला व्यक्ति भले ही कितने भी उच्च कुल का हो, वह किसी काम के योग्य नहीं होता। ऐसे लोगों से दोस्ती परेशानी का कारण बन सकती है।
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ऐसी विद्या भी किसी काम की नहीं
आचार्य चाणक्य के अनुसार, ऐसी शिक्षा जिससे लक्ष्य प्राप्त न हो, उसे व्यर्थ ही समझना चाहिए। शिक्षा हमे सही दिशा प्रदान करती है, जो ज्ञान ऐसा न करें, उसे बेकार ही समझना चाहिए।
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ऐसा धन भी किसी काम का नहीं
सबसे पहले धन का भोग करना चाहिए, इसके बाद उसे दान करना चाहिए। अगर इन दोनों कामों में धन नहीं लगाया तो उसका नाश होना निश्चित है इसलिए ऐसे धन का होना व्यर्थ है।