आचाय चाणक्य भारत के महान विचारक थे। उनके प्रयासों से ही अखंड भारत का सपना पूरा हो पाया। उनकी बताई नीतियां आज के समय में भी हमारे लिए बहुत ही काम की हैं।
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में 5 ऐसे स्थानों के बारे में बताया है, जहां चुप नहीं रहना चाहिए। इन स्थानों पर अपने दिल की बात खुलकर कहनी चाहिए। जानें कहां पर न रहें चुप…
आचार्य चाणक्य के अनुसार, अगर आपके सामने कोई अन्याय हो रहा है तो वहां चुप न रहें बल्कि खुलकर अपनी बात कहें। ऐसी जगह पर चुप रहना अपने सिद्धांतों से समझौता करना होगा।
चाणक्य के अनुसार यदि कोई व्यक्ति आपका हक छिन रहा हो तो वहां भी आपको चुप नही रहना चाहिए बल्कि खुलकर इसका विरोध करना चाहिए। चुप रहना आपकी मुर्खता कहलाएगी।
जब बात धर्म और अधर्म की हो तो खुलकर धर्म के पक्ष में बोलें। अगर आप धर्म की रक्षा करेंगे तो समय आने पर धर्म भी आपकी रक्षा के लिए तत्पर रहेगा। इस बात का ध्यान रखें।
चाणक्य के अनुसार, जब बात अपनों के हितों की हो तो उस समय भी चुप नहीं रहना चाहिए और अपने लोगों के पक्ष में खुलकर अपनी बात कहनी चाहिए। यही समय सच बोलने का होता है।
आचार्य चाणक्य जब बात संबंधों को बचाने की हो तो उस समय अपने मन की बात बोलने में कोई हिचक नहीं होना चाहिए। संबंध बचाने के लिए बोलना कोई बुरी बात नहीं होती।