आचार्य चाणक्य के अनुसार, कुत्तों में ऐसे 4 गुण होते हैं, जो हर मनुष्य को उनसे सीखने चाहिए। ये गुण जीवन में कभी न कभी हमारे बहुत काम आते हैं। आगे जानिए कौन-से हैं वो 4 गुण…
आचार्य चाणक्य के अनुसार, कुत्ते की भोजन करने की क्षमता काफी अधिक होती है लेकिन फिर भी वह बहुत थोड़े से भोजन में भी संतुष्ट कर लेता है। ये गुण मनुष्यों में भी होना चाहिए।
कुत्ता कितनी भी गहरी नींद में लेकिन जरा सी आवाज होने पर तुरंत जाग जाता है। मनुष्यों को भी कुत्ते के इस गुण को अपनाना चाहिए और हर समय चौकन्ना रहना चाहिए।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, कुत्ता सबसे वफादार जानवर माना जाता है। ये अपने स्वामी की सेवा करने में कोई गलती नहीं करता। वफादारी का गुण इंसानों को कुत्ते से सीखना चाहिए।
विपरीत स्थिति हो तो भी कुत्ता कभी पीछे नहीं हटता और डटकर उसका मुकाबला करता है। यही गुण मनुष्यों को भी कुत्ते से सीखना चाहिए और विषम स्थितियों में हार नहीं माननी चाहिए।