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Chanakya Niti: किन 4 मौकों पर महिलाएं बोलने से बचें? चुप रहना ही ठीक

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याद रखें चाणक्य की ये बातें

कुछ मौके ऐसे होते हैं जहां महिलाओं को खासतौर पर चुप रहना चाहिए। ऐसा न करने पर बात बिगड़ सकती है और उनके मान-सम्मान में भी कमी आ सकती है। जानें इन 4 मौकों के बारे में…

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पति क्रोधित हो तो चुप रहने में भलाई

अगर किसी बात पर पति गुस्सा हो तो उस समय पत्नी के चुप रहने में ही भलाई है। क्योंकि पत्नी ऐसे समय में कुछ बोलेगी तो बात बिगड़ेगी और इसका असर लव लाइफ पर भी होगा।

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बुजुर्गों के सामने मुंह न खोलें

परिवार में जब बुजुर्ग बात कर रहे हों तो उस समय भी महिलाओं को बीच में नहीं बोलना चाहिए। ऐसा करना ठीक नहीं माना जाता है। इससे इनके सम्मान में कमी आ सकती है।

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शोक में जाएं तो भी कुछ न बोलें

महिलाओं को बात करने की बहुत आदत होती है लेकिन जब भी किसी शोक यानी दुख के मौके पर कहीं जाएं तो वहां चुप ही करना चाहिए ऐसे मौकों पर बोलना अशिष्ठता मानी जाती है।

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पूजा के दौरान भी चुप रहें

पूजा, यज्ञ, हवन आदि धार्मिक काम करते समय भी अधिक नहीं बोलना चाहिए। ये सभी काम शांति पूर्वक किए जाते हैं। ऐसे कामों में जरूरत से ज्यादा बोलना ठीक नहीं माना जाता।

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