जीवन में आगे बढ़ने और परेशानियों को दूर करने के लिए आचार्य चाणक्य ने लाइफ मैनेजमेंट के अनेक सूत्र बताए हैं। इन्हें हमेशा ध्यान में रखना चाहिए। आगे जानिए ऐसे ही 7 सूत्र…
चाणक्य चाणक्य के अनुसार, आग में कभी आग नहीं डालनी चाहिए यानी अगर कोई व्यक्ति क्रोध में हो तो ऐसा कोई काम न करें जिससे उसे और अधिक क्रोधी आए।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, मनुष्य की वाणी ही विष और अमृत की खान है। यानी आपकी वाणी से कोई आपका मित्र और शत्रु बनता है। इसलिए वाणी पर नियंत्रण रखना जरूरी है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार दूध के लिए हथिनी पालने की जरूरत नहीं होती यानी आवश्यकता के अनुसार ही व्यक्ति को खर्च करना चाहिए। ज्यादा खर्च करना बेवकूफी है।
चाणक्य की माने तो हर व्यक्ति को कठिन समय के लिए धन संचय करके रखना चाहिए। क्योंकि परिस्थिति कभी भी विपरीत हो सकती है। संचय धन ही बुरे समय में काम आता है।
वर्तमान समय में वृद्धों को उचित आदर-सम्मान नहीं मिलता। इसे लेकर आचार्य चाणक्य ने कहा है कि वृद्धों की सेवा से ही ज्ञान की प्राप्ति होती है। इसलिए इनका कभी अनादर न करें।
जहां लक्ष्मी यानी धन का निवास होता है, वहां अपने आप ही सुख-सम्पदा आ जाती है। यानी अगर आपके पास धन है तो सभी तरह की सुख-सुविधा आप खरीद सकते हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार अपने कुछ भेद दोस्तों को भी नहीं बताना चाहिए। अगर दोस्त से किसी कारण दुश्मनी हो जाए तो वह आपके भेद का फायदा उठाकर नुकसान कर सकता है।