Chankya Niti: आपकी 100 अच्छी बातों पर भारी है 1 गलत आदत, आज ही छोड़ें
Spiritual Dec 08 2024
Author: Manish Meharele Image Credits:adobe stock
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1 बुरी आदत सब पर भारी
चाणक्य नीति के 13वें अध्याय के 15वें श्लोक में एक ऐसे अवगुण के बारे में बताया गया है, जो व्यक्ति की सारी मेहनत पर पानी फेर सकता है। आगे जानिए वो कौन-सी बुरी आदत है…
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चाणक्य नीति का श्लोक
अनवस्थितकायस्य न जने न वने सुखम्। जनो दहति संसर्गाद् वनं संगविवर्जनात।।
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श्लोक का अर्थ
सफलता के लिए मन पर काबू होना जरूरी है। जिसका मन स्थिर नहीं होता, उसे कहीं भी सुख नहीं मिलता। ऐसे व्यक्ति को लोगों के बीच ईर्ष्या जलाती है और वन में अकेलापन।
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मन पर काबू क्यों जरूरी?
जीवन में किसी भी काम में सफलता पाने के लिए मन की चचंलता को दूर करना जरूरी है। जिसका मन चंचल है, वो व्यक्ति चाहे कितनी ही मेहनत कर लें, लेकिन जल्दी सफल नहीं हो पाता।
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इसलिए नहीं मिलती सफलता?
चंचल मन वाला व्यक्ति कभी भी खुद को एकाग्र नहीं कर पाता, जिससे उसे सफलता नहीं मिलती। जब व्यक्ति हमेशा दूसरों को तरक्की करते हुए देखकर जलता है और कुंठित रहता है।
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मन की गुलामी से बाहर निकलें
आचार्य चाणक्य के अनुसार, अगर आप मन के गुलाम हैं, तो आप वही करेंगे जो आपका मन आपसे करवाएगा। इसलिए मन की गुलामी से बाहर निकलें और उसे अपने वश में करना सीखें।