कमल का फूल मां लक्ष्मी के सबसे प्रिय है। वे इस पर ही विराजमान हैं। भगवान विष्णु को भी कमल अतिप्रिय है। उनके हाथों में सुदर्शन चक्र,गदा, शंख के अलावा कमल का फूल भी होता है।
दिवाली की पूजा पर धन की देवी को कमल का फूल जरुर अर्पित करना चाहिए । इससे देवी मां अति प्रसन्न होती हैं।
कमल को भारत का राष्ट्रीय फूल भी माना जाता है। 26 जनवरी, 1950 को लोटस फ्लावर को राष्ट्रीय फूल घोषित किया गया था।
रामायण जैसे हिंदू ग्रंथों में कमल के फूल को पवित्रता, पुनर्जन्म, और दिव्यता, प्रेरणा का प्रतीक भी माना गया है।
कमल के फूल का साइंटिफिक नाम नेलुम्बो न्यूसिफ़ेरा गार्टन है।
लोटस फ्लावर को एंटी-ऑक्सीडेंट माना जाता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ़्लेमेटरी जैसे गुण भी पाए जाते हैं।
कमल के फूल में कई मिनरल्स पाए जाते हैं, इसमें आयरन, क्लोरीन, फ़ॉस्फ़ोरस, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे कई मिनरल्स मौजूद होते हैं।
कमल के बीज की खासियत है कि ये सुप्त अवस्था में भी पड़ा रह सकता है। अनुकूल स्थितियां मिलने पर दो सौ साल के बाद भी अंकुरित हो सकते हैं।
कमल के फूल की पंखुड़ियों पर एक खास तरह के मोम की परत होती है, यही वजह है कि ये लंबे समय तक फ्रेश दिखता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कमल पुष्प से मां लक्ष्मी का पूजन करने से घर में अन्नपूर्णा का निवास होता है।
कमल कई रंगों में पाया जाता है। हर रंग में इसकी छटा अद्भुत नजर आती है ।
कमल की खासियत है कि कीचड़ में खिलने के बावजूद इसका फूल और पंखुड़ियां पर कीचड़ लिप्त नहीं हो पाता है।