इस बार 17 जून, सोमवार को ईद-उल-अजहा का पर्व मनाया जाएगा। इसे बकरा ईद भी कहते हैं। इस्लाम को मानने वाले लोग इस दिन बकरे की कुर्बानी देते हैं। जानें क्या है इस्लाम का अर्थ…
इस्लाम अरबी भाषा का एक शब्द है। इसका शाब्दिक अर्थ है शांति को अपनाना या उसमें प्रवेश करना। इस्लामिक इतिहासकारों के मुताबिक इस्लाम के प्रवर्तक हजरत मुहम्मद साहब थे।
इस्लाम की शाब्दिक परिभाषा के अनुसार मुसलमान होने का मतलब उस व्यक्ति से है जो इंसान से लेकर परमात्मा तक, सभी के साथ पूरी तरह शांति व सुकूनभरा रिश्ता रखता हो।
इस तरह इस्लाम धर्म का मूल स्वरूप यही है कि एक ऐसा धर्म, जिसके जरिए एक इंसान दूसरे इंसान के साथ प्रेम और अहिंसा से भरा व्यवहार कर ईश्वर की पनाह लेता है।
इस्लाम धर्म की बुनियाद कुरान, सुन्नत और हदीस हैं। ये सभी पवित्र धर्म ग्रंथ हैं। कुरान वह पवित्र ग्रंथ है, जिसमें हजरत मुहम्मद के पास ईश्वर के जरिए भेजे संदेश शामिल हैं।
इस्लाम के बारे में कहा जाता है कि इस धर्म को मुहम्मद साहब ने सोच-विचार कर नहीं बनाया, बल्कि उन्हें इसका इलहाम हुआ था यानी समाधि की स्थिति में दर्शन हुआ था।