शादी के बाद अंगूठी ढूंढने का खेल क्यों खेलते हैं दूल्हा-दुल्हन?
Spiritual May 17 2025
Author: Manish Meharele Image Credits:gemini
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विवाह में परंपरा क्यों जरूरी?
हिंदू धर्म में विवाह के दौरान अनेक परंपराएं निभाई जाती हैं। इन परंपराओं के पीछे धार्मिक, वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक कारण होते हैं। बहुत कम लोग इन कारणों के बारे में जानते हैं।
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दूल्हा-दुल्हन को क्यों खिलाते हैं खेल?
विवाह के बाद जब दूल्हा-दुल्हन घर आते हैं तो परिवार के लोग हंसी-ठिठोली के बीच कुछ परंपराएं पूरी करते हैं। इस दौरान दूल्हा-दुल्हन को कुछ आसान खेल खिलाए जाते हैं।
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खेल-खेल में होती है प्रतियोगिता
इन खेलों में से एक है हल्दी मिले पानी में अंगूठी खोजने की। ये परंपरा एक तरह की प्रतियोगिता होती है। दूल्हा-दुल्हन में से जो अंगूठी खोज लेता है, वह इस प्रतियोगिता का विजेता होता है।
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मनोरंजक होता है अंगूठी खोजने का खेल
परिवार वालों के बीच जब दूल्हा-दुल्हन अंगूठी खोजने का खेल खेलते हैं तो माहौल बहुत ही मनोरंजक हो जाता है। अन्य लोग भी इसे देखकर खुशी का अनुभव करते हैं।
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क्यों खिलाते हैं अंगूठी खोजने का खेल?
इस परंपरा के पीछे कोई धार्मिक नहीं बल्कि मनोवैज्ञानिक कारण छिपा है। ये खेल इसलिए खेला जाता है ताकि नई दुल्हन हंसी-मजाक के इस माहौल में थोड़ा सहज महसूस कर सके।
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वैवाहिक जीवन के लिए जरूरी है ये परंपरा
दूल्हा-दुल्हन शादी के बाद इस तरह के खेल खेलते हैं तो उनके मन में एक-दूसरे के प्रति अपनत्व का भाव जागता है। यही भाव उनके सुखद वैवाहिक जीवन के लिए जरूरी होता है।