24 अक्टूबर, मंगलवार को दशहरे पर पूरे देश में रावण के पुतलों का दहन होगा। रावण का जन्म ब्राह्मण कुल में हुआ था, लेकिन फिर भी वह राक्षस कहलाया। जानें रावण की पूरी फैमिली हिस्ट्री…
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रामायण के अनुसार, रावण का जन्म ब्रह्मा के कुल में हुआ था। ऋषि पुलस्त्य ब्रह्मा के दस मानस पुत्रों में से हैं। इन्हें प्रथम मन्वन्तर के सात सप्तर्षियों में से एक भी माना जाता है।
पुलस्त्य ऋषि को पत्नी हविर्भू से दो पुत्र हुए- महर्षि अगस्त्य और विश्रवा मुनि। महर्षि विश्रवा भी महान तपस्वी थे। इनकी दो पत्नियां थीं। उनमें से एक राक्षस सुमाली की पुत्री कैकसी थी।
मुनि विश्रवा को अपनी पत्नी कैकसी से 3 पुत्र और 1 पुत्री प्राप्त हुई। इनके नाम रावण, कुम्भकर्ण, विभीषण और शूर्पणखा था। इस तरह रावण का जन्म ब्रह्मा के कुल में हुआ था।
रावण का पालन-पोषण उसकी माता कैकसी और नाना सुमाली ने किया। उनके साथ रहते हुए भी उसने राक्षस जाति के उत्थान के लिए कईं कार्य किए, इसलिए वह राक्षसों का राजा कहलाया।
धर्म ग्रंथों के अनुसार वैसे तो रावण की कईं पत्नियां थीं, लेकिन उन सभी में मय दानव की पुत्री मंदोदरी और धन्यमालिनी प्रमुख थीं। रामायण में भी इन दोनों का वर्णन मिलता है।
रावण के कईं पराक्रमी पुत्र थे, उनमें से मेघनाद सबसे शक्तिशाली था। इसके अलावा अक्षय कुमार, महोदर, प्रहस्त, विरुपाक्ष, अतिकाय, त्रिशिरा और नरांतक-देवांतक आदि प्रमुख थे।
रावण के पिता मुनि विश्रवा की एक अन्य पत्नी भी थी, जिनका नाम इड़विड़ा था। इनके पुत्र का नाम वैश्रवण था। बाद में यही कुबेरदेव कहलाए। इस तरह रावण, कुबेर का सौतेला भाई था।