कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का सूर्योदय 1 नवंबर, बुधवार को होगा और दिन भर भी यही तिथि रहेगी, जिसके चलते ये व्रत इसी दिन किया जाएगा।
करवा चौथ व्रत 1 नवंबर, बुधवार की सुबह 06:33 से शुरू होगा जो रात 08:15 तक रहेगा। यानी इस व्रत की कुल अवधि 13 घण्टे 42 मिनट की रहेगी।
करवा चौथ की शाम को पहले भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाती है। इसके लिए शुभ मुहूर्त शाम 05:36 से 06:54 तक रहेगा यानी 01 घण्टा 18 मिनट।
पंचांग के अनुसार, करवा चौथ पर चंद्रोदय रात 08:15 पर होगा। अलग-अलग स्थानों पर इसके समय में आंशिक परिवर्तन हो सकता है।
इस बार करवा चौथ पर सवार्थसिद्धि नाम का शुभ योग सुबह 06:35 से शुरू हो जाएगा, जो पूरे दिन-रात रहेगा। इस योग में कई गई बहुत शुभ मानी गई है।
करवा चौथ पर तुला राशि में सूर्य औय बुध ग्रह एक साथ रहेंगे। इन दोनों ग्रहों की युति से बुधादित्य नाम का राजयोग बनेगा जो बहुत शुभ माना गया है।
1 नवंबर, बुधवार को करवा चौथ पर मृगशिरा नक्षत्र दिन भर रहेगा। बुधवार को मृगशिरा नक्षत्र होने से अमृत नाम का शुभ योग बनेगा।
इस बार करवा चौथ का व्रत बुधवार को किया जाएगा। चतुर्थी तिथि और बुधवार दोनों के ही स्वामी भगवान श्रीगणेश हैं। इसके पहले साल 2020 में ये संयोग बना था।