ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। साल में कुल 12 अमावस्या आती है। इस तिथि के स्वामी पितृदेवता हैं, इसलिए इस दिन पितृों से संबंधित कार्य किए जाते हैं।
अमावस्या तिथि पर कईं बड़े व्रत-त्योहार भी मनाए जाते हैं। माघ मास की अमावस्या को मौनी और माघी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। ग्रंथों में इस अमावस्या को खास माना गया है।
माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं। इस बार ये अमावस्या 09 फरवरी, शुक्रवार की सुबह 08:02 से 10 फरवरी, शनिवार की सुबह 04:28 तक रहेगा।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, चूंकि अमावस्या तिथि 9 फरवरी, शुक्रवार को दिन भर रहेगी, इसलिए इसी दिन मौनी अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा।
ग्रंथों में मौनी अमावस्या को खास माना गया है। इस दिन स्नान, दान, जप, पूजा आदि का विशेष महत्व है। बहुत से लोग इस दिन मौन व्रत भी रखते हैं, इससे उन्हें आध्यात्मिक शक्ति मिलती है।
मौनी अमावस्या पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा, उपाय करने चाहिए। साथ ही भगवान विष्णु और महादेव की पूजा करने से भी सुख-समृद्धि व शुभ फलों की प्राप्ति संभव है।