हर साल होली के बाद रंग पंचमी का पर्व मनाने की परंपरा है। होली पर जहां लोग एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं, वहीं रंग पंचमी पर पक्का रंग लगाकर ये त्योहार मनाया जाता है।
रंग पंचमी का त्योहार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 30 मार्च, शनिवार को है। इसलिए इस बार रंग पंचमी इसी तारीख को मनाई जाएगी।
मान्यता है कि जब भक्त प्रह्लाद को होलिका में जलाया गया तो 5 दिन बाद में सकुशल उसमें से निकल आए। इसी खुशी में हरि भक्तों ने एक-दूसरे को रंग लगाकर उत्सव मनाया।
रंग पंचमी से जुड़ी एक मान्यता ये भी है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ रंग उत्सव मनाया था। तभी से इस दिन हर साल रंग पंचमी का उत्सव मनाया जा रहा है।
रंग पंचमी पर मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के करीला गांव में मेले का आयोजन किया जाता है। ये मेला रामजानकी मंदिर में लगता है। ये मंदिर काफी प्राचीन बताया जाता है।
रंग पंचमी पर मध्य प्रदेश के इंदौर में विश्व प्रसिद्ध गैर निकलती है। इस गैर में लाखों लोग शामिल होते हैं। इस आयोजन में स्थानीय प्रशासन भी सहयोग करता है।